Namami Gange Abhiyan-2024 नमामि गंगे अभियान को बनाएं जनता का अभियान- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा 11 दिवसीय अभियान की तैयारियों की हुई समीक्षा, 5 जून से शुरू हो रहे अभियान के लिए विभागों ने कमर कसी
Namami Gange Abhiyan-2024 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया है कि नदियों के पुनर्जीवन, जल संरक्षण और बरसात के पहले नालों की साफ-सफाई जैसे कार्य जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के सहयोग से अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। प्रदेश के नगरीय और ग्रामीण इलाकों में ‘नमामि गंगे अभियान’ को जनता का अभियान बनाने की पूरे प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में प्रदेश में 5 से 16 जून तक चलने वाले ‘नमामि गंगे अभियान’ की तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा समीक्षा कर रहे थे। वीसी में जिलों में मौजूद अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी जुड़े।
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Namami Gange Abhiyan-2024 अभियान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, वन, उद्यानिकी विभाग, संस्कृति, संबंधित जिला प्रशासन और स्वैच्छिक संगठन शामिल होंगे। राज्य शासन द्वारा विभिन्न स्तरों की समितियां गठित कर अभियान के सघन संचालन के लिए सभी जिलों में विस्तृत निर्देश भी भेजे गए हैं। जिला स्तर पर अभियान के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति कार्य करेगी। शासकीय विभागों ने अभियान की गतिविधियों के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
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मालवा अंचल में नदियों के किनारे लगाएं जाएं पौधे (Namami Gange Abhiyan-2024)
Namami Gange Abhiyan-2024 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल संरक्षण, पौधरोपण, पुराने नदी, तालाब एवं बावड़ी जैसे जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए सरकार व समाज, दोनों ही स्तर पर कार्य होना चाहिए। पौधरोपण अभियान के लिए भी ऐसी नदियों के किनारे पौधे लगाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए, जो कटाव के कारण अस्तित्व खो रही हैं। ऐसे स्थानों पर पौधरोपण से पौधों को भी पानी मिल सकेगा। उद्यानिकी विभाग द्वारा इसके लिए वृहद स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के मालवा अंचल में जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए इस तरह प्रयास होना चाहिए कि मिट्टी की अधिकता के कारण नदियों के कटाव को रोकने में भी सफलता मिले। क्षेत्र विशेष में कार्य की अलग प्रकृति होती है। इसे ध्यान में रखते हुए कार्य पूर्ण किए जाएं।
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बावड़ियां हमारी देश एवं प्रदेश की धरोहर हैं (Namami Gange Abhiyan-2024)
Namami Gange Abhiyan-2024 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन बावड़ियां हमारी धरोहर हैं। बावड़ियां, कुंओं से इस अर्थ में भिन्न हैं कि वे पेयजल का स्त्रोत होने के साथ ही किसी समय नागरिकों के लिए ग्रीष्मकाल में राहत का माध्यम भी रही हैं। बावड़ियों में जलराशि से मिलने वाली ठंडक नागरिकों को जल महल में विराजमान होने की अनुभूति करवाती थी। प्रदेश के अनेक अंचलों में आज भी ऐसी बावड़ियां विद्यमान हैं। इनके सुधार और स्वच्छता के लिए अभियान के अंतर्गत प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विभिन्न नदियों पर घाट निर्माण का कार्य व्यक्तिगत स्तर पर भी किया जाता है। ऐसे समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमी लोगों का सम्मान भी होना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐसी ही पर्यावरण प्रेमी महिला का जिक्र किया, जिन्होंने क्षिप्रा नदी के पास अपने ग्राम में जनता की सुविधा के लिए घाट के निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग किया।
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गंगा दशमी पर हो आयोजन (Namami Gange Abhiyan-2024)
Namami Gange Abhiyan-2024 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभियान का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भागवत कथा और भजन संध्या के साथ किया जाए, यह कार्यक्रम जल स्त्रोतों के किनारे ही होना चाहिए। अभियान से एनसीसी और एनएसएस जैसे संगठन भी जुड़ें। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से लेकर अभियान की आखरी तारीख तक उत्साह का वातावरण हो। मंदिरों के परिसर साफ-सुथरे बनाए जाएं। मंदिरों में पुताई के कार्य भी हों। अभियान के सहयोगियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाए।
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प्रदेश स्तर पर अभियान के लिए चल रही हैं तैयारियां (Namami Gange Abhiyan-2024)
Namami Gange Abhiyan-2024 बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा ने बताया कि ‘नमामि गंगे अभियान’ के लिए राज्य शासन स्तर पर निरंतर बैठकें आयोजित कर तैयारियों की समीक्षा की गई है। अभियान की गतिविधियों में अनेक विभाग सक्रिय रूप से शामिल होंगे। विभागवार जो दायित्व निर्धारित किए गए हैं, उनकी जानकारी भी संकलित की गई है। अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मनरेगा में जल स्त्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में पुष्कर धरोहर अभियान में 33 हजार 901 जीर्णोद्धार के कार्य हुए हैं। इसी तरह जल संरक्षण और संवर्धन के अब तक 15 लाख से अधिक कार्य पूरे हो गए हैं। इस तरह के 2 लाख से अधिक कार्य प्रगति पर हैं। जल संरचनाओं के चयन और उन्नयन कार्य में जीआईएस तकनीक का उपयोग भी प्रारंभ किया गया है। जल संरचना के सर्वेक्षण के लिए जल ग्रहण क्षेत्रफल, टोपोशीट, भुवन एप और जियो पोर्टल को माध्यम बनाया जाएगा। जल संरचनाओं से निकाली गयी मिट्टी और गाद आदि का उपयोग खेतों में किया जा सकेगा। बफर जोन तैयार कर हरित क्षेत्र और पार्क विकसित किए जाएंगे। जल संरचनाओं के किनारे कचरा डालना प्रतिबंधित रहेगा।
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नमामि गंगे अभियान में पहले दिवस हर पंचायत में कम से कम एक काम शुरू होगा (Namami Gange Abhiyan-2024)
Namami Gange Abhiyan-2024 नमामि गंगे अभियान में पहले दिवस हर पंचायत में कम से कम एक काम शुरू होगा। समापन दिवस पर पुरातात्विक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थानों और नदियों के घाटों की साफ-सफाई के निर्देश दिए गए हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख श्री नीरज मंडलोई ने बताया कि जीआईएस सर्वे के आधार पर प्रदेश के 413 निकायों में से 331 में 1054 जलाशयों का सर्वे कार्य कर चुका है। शेष 82 निकायों में कार्य चल रहा है। प्रदेश में झील तथा तालाब संरक्षण की 49 परियोजनाएं स्वीकृत हैं, इनमें से 26 पूर्ण हो चुकी हैं। कार्यों में इम्बैंकमेन्ट निर्माण, स्टोन पिचिंग, घाट निर्माण और गाद निकालने के कार्य शामिल हैं। अमृत 2.0 योजना में 351 योजनाओं को मंजूरी मिली है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में भी 153 परियोजनाएं मंजूर हुई हैं।
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Namami Gange Abhiyan-2024 अभियान में जल संरचनाओं के अतिक्रमण हटाने, जल संरचनाओं के वाटर ऑडिट कराने और जल की गुणवत्ता की जांच के कार्य किए जाएंगे। सार्वजनिक स्थानों पर जनता को गर्मी से बचाने के लिए ग्रीन नेट की व्यवस्था, सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ, वातावरण के तापमान को कम करने के लिए स्प्रिंकर्ल्स से पानी का छिड़काव और बरसात के पहले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं की सफाई और मरम्मत के कार्य लिए जाएंगे। जनजागरूकता अभियान का संचालन भी किया जा रहा है।
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शिप्रा नदी को चुनरी और आभूषण अर्पण उत्सव भी सम्पन्न होगा (Namami Gange Abhiyan-2024)
Namami Gange Abhiyan-2024 संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने बैठक में बताया कि प्रदेश की 212 नदियों की सैटेलाइट मैपिंग कर प्राचीन वांग्मय परंपरा, लोक आख्यान के संदर्भ में दस्तावेजी ग्रंथ प्रकाशित करवाया जाएगा। लोक रूचि के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वीर भारत न्यास और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भी सहयोगी होंगे। शिप्रा नदी को चुनरी और आभूषण अर्पण उत्सव भी सम्पन्न होगा। संस्कृति विभाग आडियो-वीडियो सीडी भी तैयार करेगा। अभियान के अंतर्गत 15 एवं 16 जून को शिप्रा तट पर सांगीतिक प्रस्तुति, डोली बुआ, हरिकथा की प्रस्तुति भी होगी।
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Namami Gange Abhiyan-2024 बैठक में बताया गया कि वन विभाग वर्ष 2024-25 में लगभग साढ़े पांच करोड़ पौधों का रोपण करेगा। पौधरोपण के लिए वन और उद्यानिकी विभाग की नर्सरियों एवं निजी नर्सरियों में पर्याप्त पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस कार्य को व्यापक जन आंदोलन बनाने की तैयारी है। बैठक में इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने, जबलपुर में 11 लाख पौधे एक ही दिन में लगाने और ग्वालियर एवं चंबल संभाग में नल-जल योजना को फोकस करते हुए अभियान में गतिविधियों को जोड़ने एवं पुरानी जल संरचनाओं को चिन्हित कर उपयोगी बनाने के लिए की जारी तैयारियों की जानकारी भी दी गई।
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