International Energy Agency-2023 अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक दुनिया की आधी बिजली एशियाई देश खर्च करेंगे। इनमें चीन सबसे ऊपर है, जो अकेला 33 प्रतिशत बिजली खर्च करेगा। यह अमेरिका, यूरोपीय संघ व भारत, तीनों द्वारा खर्च की जाने वाली बिजली से अधिक है
International Energy Agency-2023 भारत में 5.3 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही बिजली की मांग 2022 में 8.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसकी वजह कोविड महामारी के बाद देश की मजबूत रिकवरी रही। साथ ही मार्च से जुलाई तक पड़ी तेज गर्मी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने बुधवार को अपनी नई रिपोर्ट में यह दावे किए हैं। एजेंसी ने अनुमान जताया है कि साल 2023 से 2025 के बीच भारत में बिजली की मांग 5.6 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 देश के लिए बीते 100 साल में सबसे गर्म महीना साबित हुआ। अप्रैल से जुलाई के बीच भी बिजली की औसत मांग 2021 के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक रही। 10 जून को 211 गीगावाट बिजली की मांग का रिकॉर्ड बना। इसके परिणामस्वरूप, मांग की सालाना वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो चीन की 2.6 प्रतिशत वृद्धि से कहीं ज्यादा है। चीन में 2015 से 2019 के बीच 5.4 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई थी।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले तीन साल यानी 2025 तक दुनिया की आधी बिजली एशियाई देश खर्च करेंगे। इनमें चीन सबसे ऊपर है, जो अकेले 33 प्रतिशत बिजली खर्च करेगा। यह अमेरिका, यूरोपीय संघ व भारत, तीनों द्वारा खर्च की जाने वाली बिजली से अधिक है। एशिया में बिजली की मांग में वृद्धि में भारत और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश भी योगदान देंगे।
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इतनी बिजली बना सकता है भारत (International Energy Agency-2023)
International Energy Agency-2023 वर्ष 2022 तक भारत के पास 410 गीगावाट बिजली बनाने की क्षमता थी। इसमें 236 गीगावाट जीवाश्म ईंधन, 52 गीगावाट पनबिजली परियोजनाओं, 115 गीगावाट अक्षय ऊर्जा साधनों और बाकी बिजली परमाणु परियोजनाओं से बनाई जा सकती है। 2030 तक भारत ने 500 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन साधनों से बनाने का लक्ष्य तय किया है। परमाणु ऊर्जा आधी वृद्धि भारत सहित चार देशों से 2025 तक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विश्व की आधी उत्पादन वृद्धि भारत, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की वजह से होगी। हिस्सेदारी के लिहाज से चीन इसका नेतृत्व करेगा तो भारत सबसे तेज 81 प्रतिशत वृद्धि करेगा। पनबिजली उत्पादन भी भारत ने 2017 से 2021 के बीच 10 प्रतिशत सालाना बढ़ाया है।
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रिपोर्ट में और क्या है? (International Energy Agency-2023)
International Energy Agency-2023 चीन यह देश 2015 में दुनिया की 25 प्रतिशत बिजली खर्च कर रहा था, लेकिन आईईए के अनुसार 10 साल में यहां की आबादी दुनिया की एक-तिहाई बिजली अकेले खर्च करेगी। अफ्रीका महाद्वीप पर विश्व की 20 प्रतिशत आबादी है, लेकिन 2025 तक कुल बिजली में से सिर्फ 3 प्रतिशत का उपभोग होगा।
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विश्व को ज्यादा बिजली मिलेगी (International Energy Agency-2023)
International Energy Agency-2023 बिजली उत्पादन कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधन से बिजली उत्पादन के मुकाबले परमाणु ऊर्जा और पवन व सौर जैसे अक्षय ऊर्जा विकल्पों में वृद्धि तेज होगी। अगले तीन साल में इनसे विश्व को ज्यादा बिजली मिलेगी जो ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन घटाएगा। यह जरूरी भी है, ताकि विश्व का औसत तापमान 17 वीं-18वीं सदी के मुकाबले 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक न बढ़ने दिया जाए, यह पहले ही 1.1 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। बिजली की मांग मौसम पर आधारित हो चुकी है। भारत में पिछले वर्ष भीषण लू चलने, अमेरिका में दिसंबर में बर्फीला तूफान आने, चीन और यूरोप में सूखा पड़ने से बिजली की स्थानीय मांग बढ़ी। इन जगहों पर सभी को बिजली मुहैया करवाने के लिए अक्षय ऊर्जा पर जोर देना होगा, आपूर्ति प्रणाली को लचीला बनाना होगा।
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