Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 किसानों के लिए बड़ी खबर, आलु की खेती एरोपोनिक तकनीक में ना मिट्टी की जरुरत होती है और ना जमीन की जरुरत होती है, इस तकनीक से पैदावार भी 10 गुणा अधिक होती है
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 हमारे देश में आलु खेती बड़े स्तर पर की जाती है। अभी तक हमने देखा है कि आलु की खेती जमीन में की जाती है लेकिन अब एक ऐसी तकनीक आ गई है। जिसकी मदद से किसान आलु की खेती हवा में भी कर सकेंगा। विशेषज्ञों के अनुसार अब एरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती करने किसानों की लागत में तो कमी आएगी, साथ ही समय का भी बचत होगा. इसके अलावा मुनाफा भी 10 गुना ज्यादा बढ़ जाएगा। प्रदेश की पहली एराेपाेनिक तकनीक की यूनिट ग्वालियर में स्थापित हाेगी। इसकी कागजी प्रक्रिया शुरू हाे गई है। मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग और इसे तैयार करने वाली एग्रीनाेवेट इंडिया लिमिटेड (Agrinowet India Limited) के बीच दिल्ली के कृषि भवन में इसके लिए बातचीत हाेगी। इस तकनीक से आलू की फसल उगाने का फायदा ये है कि इसके लिए जमीन और मिट्टी की जरूरत नहीं हाेगी। आलू की खेती हवा में हाेगी और बीज भी तैयार किया जा सकेंगे।
यह भी पढ़ें……..
• निशुल्क सिलाई मशीन कैसे प्राप्त करें, जाने पूरी जानकारी स्टेप टू स्टेप
• प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण और शहरी लोग कैसे करें आवेदन, जानिए पूरी प्रोसेस स्टेप-टू-स्टेप
• किसानों को खेत में तारबंदी करने के लिए मिलेगी सब्सिडी, जानिए कैसे करे इस योजना आवेदन
क्या है एरोपोनिक आलु की खेती (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 एरोपोनिक ग्रोइंग (Aeroponics Farming) बिना मिट्टी के एक विधि है, जहां पौधे उगाए जाते हैं। इस विधि के तहत पौधों के लिए पानी में मिश्रित पोषक तत्वों के घोल को समय-समय पर बॉक्स में डाला जाता है, ताकि पौधे पूरी तरह से विकसित हो सकें। एरोपोनिक आलू की खेती खेत के लिए एक अच्छी फसल साबित हो रही है। इसलिए कृषि विभाग ने अन्य राज्यों में भी किसानों को इस तकनीक के बारे में जागरूक करने के लिए चुना है। एरोपोनिक खेती का अभ्यास करने के कई लाभ हैं। यह न केवल भूमि की उपलब्धता के मुद्दे को हल करता है बल्कि उपज को दस गुना तक बढ़ा देता है। यह कम पानी और उर्वरकों का उपयोग करता है जिससे कृषि लागत और भी कम हो जाती है।
यह भी पढ़ें…….
• संबल योजना अब नये स्वरूप में संबल 2.0 पोर्टल के रुप में, जानिए इसके लाभ
• किसान अब खुद करेंगे अपनी फसल की गिरदावरी
एराेपाेनिक तकनीकी का यूनिट ग्वालियर में स्थापित होगा (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 एरोपोनिक तकनीकी का यूनिट मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थापित हाेने के बाद प्रदेश के किसानाें काे यहां से भिन्न-भिन्न किस्म के आलू, बीज और एराेपाेनिक (Aeroponic) तकनीक की जानकारी दी जाएगी। एराेपाेनिक (Aeroponic) तकनीक का प्रयाेग आलू बीज ट्यूबर (Tuber) के उत्पादन के लिए किया जाएगा। इस तकनीक से प्राप्त हाेने वाले पाैधाें का किसान बिना मिट्टी के भी फसल में उपयाेग कर सकते हैं। इस तकनीक से फसल के उत्पादन में भी 10 फीसदी तक पैदावार बढ़ा सकता है। इससे किसानाें काे कम खर्च करके अधिक मुनाफा मिलेगा। इसका मुख्य कारण यह भी है कि देश में आलू की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके अनुसार में आलू का उत्पादन इतना नहीं हाे रहा है।
यह भी पढ़ें…….
• चेहरा दिखाकर आधार कार्ड डाउनलोड करें, जानिए पूरी प्रोसेस स्टेप-टू-स्टेप
• राशन कार्ड को आधार कार्ड से ऑनलाइन ऑफलाइन लिंक करें, जानिए इससे मिलने वाले लाभ
एरोपोनिक तकनीक से 10 अधिक पैदावार होगी (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 भारत का किसान आज भी आलू की खेती में हम आमतौर पर पारंपरिक तरीके से करते हैं। जिसमें पैदावार काफी कम आती है, लेकिन इस नई तकनीक से 50 से 60 आलू तक का उत्पादन प्रत्येक पौधे से हो सकेगा। इस तकनीक से तैयार किए बीज को लगाकर किसान आलू की फसल का उत्पादन 10 से 12 गुणा तक बढ़ा सकेंगे। डॉ. सत्येंद्र करनाल जिले में स्थित आलू प्रोद्यौगिकी केंद्र के अधिकारी भी हैं। उनका कहना है कि यह तकनीक केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के सहयोग से विकसित की जा रही है। यह बीज ऑफ सीजन में भी लगाया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें……
एरोपोनिक खेती हवा में होती है (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponics Farming) में पौधों को हमेशा पानी में रखा जाता है जो पोषक तत्वों से भरा होता है। एरोपोनिक खेती (Aeroponic Farming) में पानी का छिड़काव कर पोषक तत्वों की आपूर्ति की जाती है। आलू के पौधे की खेती बंद वातावरण में की जाती है जिसमें पौधे ऊपर की ओर और जड़ें नीचे की ओर होती है।
यह भी पढ़ें………
• वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड को घर बैठे लिंक करे, आज अभियान शुरु, जानिए पूरी प्रोसेस
• ग्राम पंचायतों में गरीबों को मिलेगा निशुल्क प्लॉट, जल्दी करें आवेदन, जानिए पूरी प्रोसेस
एरोपोनिक तकनीक से आलु खेती करने पर मिलने वाले लाभ (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 एरोपोनिक तकनीक से आलु खेती करने पर मिलने वाले लाभ इस प्रकार है:-
- इस विधि से आलू की खेती करने पर खेत की जरुरत नहीं होती है।
- आलू की गुड़ाई करने के लिए लेबर ढूढने की समस्या होगी ख़त्म।
- आलू की खुदाई के लिए मशीनों और मजदूरों से छुटकारा।
- खेत में की गई खेती की अपेच्छा 6 से 7 गुना पैदावार बढेगा।
- अधिक कीटनाशकों के छिड़काव से छुटकारा.
आलू के सड़ने की समस्या से मुक्ति। - खुदाई करते समय आलू के कटने और फटने से छुट्टी।
- खैरा रोग की समस्या ख़त्म।
- इसमें जगह की जरूरत बहुत कम होती है।
- इसमें पानी की आवश्यकता बहुत कम होती है।
यह भी पढ़ें…….
• आधार कार्ड में नाम, जन्म तिथि, फोटो और पता घर बैठे अपने मोबाइल से ऑनलाइन बदले, जानिए पूरी प्रोसेस
• अब पैन कार्ड आप अपने मोबाइल से घर बैठे बनाएं, जानिए पूरी ऑनलाइन प्रोसेस
एरोपोनिक आलु की खेती अपनाएं (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 एरोपोनिक आलु की खेती अपनाएं जो इस प्रकार है:-
- हवा में खेती को एयरोपोनिक (Aeroponic Farming) के नाम से भी जाना जाता है।
- आने वाले समय की डिमांड हीड्रोपोनिक्स (Hydroponics) और एयरोपोनिक्स खेती का ही है।
- इसलिए किसान जितनी जल्दी ऐसी खेती को अपना लें उतना ही उनके लिए अच्छा है।
यह भी पढ़ें……
• Asha Worker News मुरैना में ड्यूटी पर बीमार हुई आशा कार्यकर्ता की मौत पर उज्जैन में आक्रोश
एरोपोनिक तकनीकी की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदानी (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 एरोपोनिक तकनीक (Aeroponic Potato Farming) से किसानों को बहुत ज़्यादा फायदा होगा, क्योंकि इससे किसान कम लागत में ही आलू की ज़्यादा से ज़्यादा पैदावार कर सकते हैं और ज़्यादा पैदावार होने से उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। इस तकनीक के जो विशेषज्ञ हैं, उनका ऐसा कहना है कि इस तकनीक में लटकती हुई जड़ों के द्वारा उन्हें पोषण (nutrients) दिए जाते हैं। जिसके बाद उसमें मिट्टी और ज़मीन की ज़रूरत नहीं होती।
एरोपोनिक तकनीक से की जाने अन्य फसल (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 इस एरोपोनिक तकनीक का उपयोग पत्तेदार साग, स्ट्रॉबेरी, खीरे, टमाटर और जड़ी-बूटियों के उत्पादन के लिए किया जा रहा है. किसानों के बीच एरोपोनिक फार्मिंग को प्रोत्साहित किया जा सके।
यह भी पढ़ें…….
एरोपोनिक तकनीक से आलु की खेती से संबंधित प्रश्नोत्तर (Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022)
Aeroponic Taknik Se Aalu Ki Kheti-2022 एरोपोनिक तकनीक से आलु की खेती से संबंधित प्रश्नोत्तर इस प्रकार है:-
प्रश्न-1 एरोपोनिक (Aeroponic) विधि से आलू की खेती में कितनी ऊपज होती है?
उत्तर- जमीन में बोई गई आलू की खेती से 6 से 7 गुना अधिक ऊपज होती है।
प्रश्न-2 एरोपोनिक (Aeroponic) विधि से आलू के एक पौधे में कितनी आलू आते हैं?
उत्तर- प्रत्येक पौधे में लगभग 60 से 70 आलू आते हैं।
प्रश्न-3 आलू की ऐरोपोनिक (Aeroponic) पद्धति क्या है?
उत्तर- इस विधि से आलू की खेती हवा में बिना मिट्टी के किया जाता है।
प्रश्न-4 ऐरोपोनिक (Aeroponic) पद्धति में आलू के लिए कौन सी दवा प्रयोग होता है?
उत्तर- आलू की जड़ों पर न्यूट्रिन अमीडिया का छिड़काव होता है।
जुड़िये DC News 24 से
ख़बरों के । सबसे पहले पाने के लिए हमारे Facebook Group, WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें।
यदि आप DC News 24 संवाददाता बनना चाहते हैं, तो 99939-19399 पर संपर्क करें।