Soybean Bone Ka Samay-2024 खरीफ मौसम आने पर किसानों को उचित सलाह, कि सोयाबीन की बुवाई कब करना ओर लगभग 4 इंच वर्षा होने के बाद ही फसल की बोवाई करें
Soybean Bone Ka Samay-2024 आगामी खरीफ मौसम की फसल बोवाई का समय नजदीक आ रहा है। जिले के खरीफ मौसम में सोयाबीन फसल की बोवाई मुख्य रूप से किसानों के द्वारा की जाती है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को इस सम्बन्ध में उचित सलाह दी गई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वर्षा के आगमन पश्चात सोयाबीन की बोवनी के लिये मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है। नियमित मानसून के पश्चात लगभग चार इंच वर्षा होने के बाद किसान अपने खेतों में बोवाई करें। मानसून पूर्व वर्षा के आधार पर बोवनी करने से सूखे का लम्बा अंतराल रहने पर फसल को नुकसान हो सकता है।
यह भी पढ़िए….
70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाला बीज ही बोवाई के लिए उपयोग करें (Soybean Bone Ka Samay-2024)
Soybean Bone Ka Samay-2024 किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक श्री आरपीएस नायक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान के पास स्वयं का उपलब्ध बीज का अंकुरण परीक्षण कर लें और कम से कम 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाला बीज ही बोवाई के लिये रखें। यदि किसान बाहर कहीं और से उन्नत बीज लाते हैं तो विश्वसनीय/विश्वासपात्र संस्था/संस्थान से बीज खरीदें। साथ ही पक्का बिल अवश्य लें एवं स्वयं भी घर पर अंकुरण परीक्षण कर लें।
यह भी पढ़िए….
सोयाबीन की किस्में कितने प्रकार की है (Soybean Bone Ka Samay-2024)
Soybean Bone Ka Samay-2024 किसान अपनी जोत के अनुसार कम से कम दो-तीन किस्मों की बोवाई करें। जिले में अनुशंसित किस्में जैसे- जेएस 95-60, जेएस 93-05, जेएस 20-34, नवीन किस्में जैसे- आरवीएसएस-2011-33, एनआरसी-138, एनआरसी-127, 142, 150, जेएस 20-29 एवं आरवीएस-2001-04, एनआरसी-86, जेएस 9752 प्रमुख है।
यह भी पढ़िए….
• मुख्यमंत्री मां शिप्रा को चुनरी अर्पित करेंगे, जानिए पूरी खबर विस्तार से
बीज की बोवाई से पूर्व बीजोपचार जरूर करें (Soybean Bone Ka Samay-2024)
Soybean Bone Ka Samay-2024 बीजोपचार हमेशा एफआईआर क्रम में करना चाहिये। इस हेतु जैविक फफूंदनाशक ट्रोईकोडर्मा वीरडी 5 ग्राम/किग्रा बीज, अथवा फफूंदनाशक थाइरम+कार्बोक्सिम आदि के मान से उपचारित करें। गत वर्ष जहां पर पीला मोजेक की समस्या रही, वहां पीला मोजेक बीमारी की रोकथाम हेतु अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 एफएस या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस से अवश्य उपचारित करें। इसके बाद जैव उर्वरक का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
Soybean Bone Ka Samay-2024 अनुशंसित बीज 75-80 किग्रा/हेक्टेयर की दर से उन्नत प्रजातियों की बोवाई करें। एक हेक्टेयर में लगभग 4.50 लाख पौध संख्या होनी चाहिये। कतार से कतार की दूरी कम से कम 14-18 इंच के आसपास रखें। गत वर्ष अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई थी। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यदि संभव हो तो रेज्डबेड विधि से फसल की बोवाई करें। इस विधि से फसल बोवाई करने से कम वर्षा एवं अधिक वर्षा दोनों स्थिति में फसल को नुकसान नहीं होता है।
यह भी पढ़िए….
• मध्यप्रदेश में इस बार समय से पहले पहुंचेगा मानसून, जानिए मध्यप्रदेश में कब से होगी बारिश
इसके लिये निम्नानुसार उर्वरक का उपयोग करें (Soybean Bone Ka Samay-2024)
Soybean Bone Ka Samay-2024 किसान नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश एवं सल्फर की मात्रा क्रमश: 25:60:40:20 किग्रा/हेक्टेयर के मान से उपयोग करें। इसके लिये निम्नानुसार उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं- एनपीके (12:32:16) 200 किग्रा+25 किग्रा जिंक सल्फेट/हेक्टेयर और डीएपी 133 किग्रा एवं म्युरेट ऑफ पोटाश 66 किग्रा+25 किग्रा जिंक सल्फेट/हेक्टेयर उपयोग करना चाहिये।
यह भी पढ़िए….
• मध्यप्रदेश में घर-घर लगेंगे स्मार्ट मीटर, घर-घर रीडिंग वाले मीटर होंगे बन्द
उर्वरक एवं बीज अलग-अलग रहता (Soybean Bone Ka Samay-2024)
Soybean Bone Ka Samay-2024 सोयाबीन की फसल बोवाई यदि सीड कम फर्टिलाइजर सीड ड्रील से करते हैं तो बहुत अच्छा है, जिससे उर्वरक एवं बीज अलग-अलग रहता है और उर्वरक बीज के नीचे गिरता है तो लगभग 80 प्रतिशत उपयोग हो जाता है। डबल पेटी वाली मशीन न हो तो अन्तिम जुताई के समय अनुशंसित उर्वरक का उपयोग किया जाना चाहिये। अधिक जानकारी के लिये अपने क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालय या सम्बन्धित क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी से किसान सम्पर्क कर सकते हैं।