Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 सोयाबीन फसल के लिए, सोयाबीन की फसल होने वाले कीट एवं रोगों को लेकर, कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को उचित सलाह एवं विशेष जानकारी दी
Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में सोयाबीन की फसल पर कीट एवं रोगों का हल्की फूल्काय असर देखा जा रहा है। कृषकों को सलाह है कि जहाँ-जहाँ पर जल भराव की स्थिती उत्पन्न हो रही है वहाँ पर खेत से जल निकास की उचित व्यवस्था किसान करें। साथ ही किसान अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहें एवं किसी भी कीट या रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही निम्नानुसार नियंत्रण के उपाय अपनायें। इस सम्बन्ध में भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इन्दौर की अनुशंसा के आधार पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को उचित सलाह दी है।
यह भी पढ़े…..
कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि पीला मोजेक रोग को कैसे नियंत्रण (Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023)
Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 कृषि विभाग के उप संचालक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पीला मोजेक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित कर तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी की रोकथाम हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम+लेम्डा सायलोथ्रिम (125 मिली/हे.) या बीटासायफ्लोथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे.) का छिड़काव करें। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही यह भी सलाह है कि सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु किसान भाई अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं। लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्रादक्रोज नामक फंफूदजनीक रोग के लक्षण दिखाई देने पर किसान भाईयों को सलाह है कि इसके नियंत्रण हेतु टेबूकोनाजोल 25.9 ईसी (625 मिली/हे.) या टेबूकोनाझोल 10 प्रतिशत+सल्फर 65प्रतिशत डब्यूू जी (1250 ग्राम/हे) जैसे अनुशंसित फफूंदनाशकों का अपने फसल पर छिडकाव करें।
यह भी पढ़ें…
• कुंडली में मंगल दोष हो तो विवाह के पहले कर लें ये 10 उपाय, जानिए क्या
पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें (Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023)
Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 चक्र भृंग (गर्डल बीटल) के नियंत्रण हेतु प्रारंभिक अवस्था से ही टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एससी (250-300 मिली/हे) या थायोक्लोप्रिड 21.7 एससी (750 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी (1ली/हे) या इमामेक्टीन बेन्जोएट (425 मिली/हे) का छिडकाव करें। किसानों को यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव को रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें। चक्र भृंग तथा पत्ती खाने वाली इल्लियों के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक क्लोरएन्ट्रानिलप्रोल 9.30 प्रतिशत+लैम्डा सायहेलीथिन 4.60 प्रतिशत ZC (200 मिली/हे) या बीटासायफ्लुथिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम+लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 125 मिली/हे का छिड़काव करें। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है।
यह भी पढ़े…
• बिजली उपभोक्ताओं के बड़ी खबर, इस एप्प के माध्यम से होगी सारी समस्याओं का समाधान
पत्ती खाने वाली इल्लियों के लिए किसी एक रसायन का छिड़काव करें (Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023)
Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लीए बिहारी हेयर कैटरपिलर) हो, इनके नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिड़काव करें। क्विनालफॉस 25 ईसी (1ली/हे) या ब्रोफलोनिलिडे 300 एससी (42.62 ग्राम/हे) या फ्लूबेडियामाइड 30.35 एससी (150 मिली) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एससी (333 मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एससी (250-300 मिली) या नोवाल्युरोन इन्डोक्साकार्ब 4.50+प्रतिशत एससी (825-875 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली/हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 1.90 सीएस (425 मिली/हे) या फ्लूबेडियामाइड 20 डब्ल्यूजी (250-300 ग्राम/हे) या लैम्बडा सायहेलोथिम 4.90 सीएस (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी (1ली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7 एससी (450 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित बीटासायफलुथिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) या पूर्वमिश्रित थायमियोक्सम+लैम्बडा सायलोथ्रिम (125 मिली) या क्लोसरइन्ट्रारनिलिप्रोल 9.30 प्रतिशत लेम्डां सायलोथ्रिन 4.60 प्रतिशत ZC (200 मिली/हे) का छिडकाव करें।
यह भी पढ़े…
• मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए चलेगा विशेष अभियान, जानिए कैसे जुड़वाए मतदाता सूची में अपना नाम
फसल सुरक्षा के अन्य उपाय (Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023)
कृषको को सलाह है कि जहाँ-जहाँ पर जल भराव की स्थिती उत्पन्न हो रही है वहाँ पर खेत से जल निकास की उचित व्यवस्था करें साथ ही अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहें। सोयाबीन की फसल में तंबाखू की इल्ली एवं चने की इल्ली के प्रबंधन के लिए बाजार में उपलब्ध कीट-विशेष फेरोमोन ट्रैप्स का उपयोग करें। इन फेरोमोन ट्रैप में 5.10 पतंगे दिखने का संकेत यह दर्शाता है कि इन कीड़ों का प्रादुर्भाव आप की फसल में हो गया है जो कि प्रारंभिक अवस्था में है। अतः शीघ्रातिशीघ्र इनके नियंत्रण के लिए उपाय अपनाने चाहिए। खेत के विभिन्न स्थानों पर निगरानी करते हुए यदि आपको कोई ऐसा पौधा मिले जिस पर झुण्ड में अंडे या इल्लियां हों, ऐसे पौधों को खेत से उखाड़कर निष्काषित करें।
जैविक सोयाबीन उत्पादन में रुचि रखने वाले कृषकागण पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपुर, तंबाखू की इल्ली) की छोटी अवस्था की रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा व्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1) का प्रयोग कर सकते हैं। यह भी सलाह है कि प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें…
• वोटर आईडी को आधार कार्ड से ऑनलाइन (Online) और एसएमएस (SMS) से कैसे लिंक करें, जानिए स्टेप-टू-स्टेप
सोयाबीन की फसल के लिए अन्य जानकारी (Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023)
Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 सोयाबीन की फसल के लिए अन्य जानकारी इस प्रकार है:-
- सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु ‘T’ आकार के बड़े पर्चेस लगाये। इससे कीटभक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।
- कीट या रोग नियंत्रण के लिए केवल उन्ही रसायनी का प्रयोग करें जो सोयाबीन की फसल में अनुशासित हो।
- कीटनाशक या फफूंदनाशक के छिडकाव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्सेक सायेर से 450 लीटर/हे या पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर/हे न्यूनतम)
- कीट एवं रोगों से फसल सुरक्षा हेतु उपयुक्त रसायनों का छिडकाव किया जाना चाहिए, भले ही सोयाबीन फसल फुल आने की अवस्था में हो।
- किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल में जिस पर बेच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।
- जिन रसायनों (कीटनाशक/खरपतवारनाशक/फफूंदनाशक) के मिश्रित उपयोग की वेज्ञानिक अनुशंसा नही हो या पूर्व अनुभव नही है ऐसे मिश्रण का कदा भी उपयोग नही करेंए इससे फसल को नुकसान हो सकता है।
- Soyabean Ki Fasal Ki Jankari-2023 अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी/ग्रामीण कृषि विस्ताीर अधिकारी/कृषि विज्ञान केन्द्रय उज्जैणन से संपर्क किसान भाई कर सकते हैं।