Farming With Vertical Farming Technology-2023 अब सब्जियां हवा में उगेगी, इस तकनीक में ना जमीन की आवश्यकता ओर ना ही मिट्टी की आवश्यकता होगी, हरियाणा में वर्टिकल फार्मिंग हो रही लोकप्रिय, खर्च अधिक, लेकिन उत्पादन 4 गुणा अधिक होगा
Farming With Vertical Farming Technology-2023 अब सब्जियां हवा में उगेगी, इस तकनीक में ना जमीन की आवश्यकता ओर ना ही मिट्टी की आवश्यकता होगी, हरियाणा में वर्टिकल फार्मिंग हो रही लोकप्रिय हो रही है। बंजर और गैर उपजाऊ जमीन हो, या फिर मिट्टी में आ गए हों जहरीले तत्व. अब न किसान को परेशान होने की जरूरत न खाने वाले को यह चिंता करनी कि सब्जी किस तरह की मिट्टी में उगाई गई, क्योंकि अब सब्जी की खेती के लिए मिट्टी और जमीन की जरूरत ही नहीं है. हवा में ही सब्जी तैयार हो जाएगी। वर्टिकल फार्मिंग से यह संभव हो रहा है हरियाणा में करनाल के घरौंडा के इंडो इजराइल सेंटर में. इस तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर अब किसानों को भी इसमें पारंगत किया जाएगा. इस साल किसानों को इस तरह की खेती के प्रति सेंटर की ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा।
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वर्टिकल फार्मिंग भविष्य की खेती (Farming With Vertical Farming Technology-2023)
Farming With Vertical Farming Technology-2023 जिस तरह से जमीन कम हो रही है। जमीन में पोषक तत्वों की कमी हो रही है. इसका एक ही समाधान है, वर्टिकल फार्मिंग। यह भविष्य की खेती है। हरियाणा के वह इलाके जहां से की समस्या है, वहां वर्टिकल खेती से सब्जी आसानी से उगाई जा सकती है. सेंटर के इंचार्ज सुधीर यादव ने बताया कि ऊंची बिल्डिंग की तरह अब फसलों को भी इसी तरह से देखा जाना चाहिए. शुरुआत सब्जी की खेती से हो रही है। इसके लिए अभी बेल वाली सब्जी पर सफल प्रयोग किया गया है. इसमें घिया, लौकी, टमाटर, मिर्च, धनिया, खीरा, पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं।
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इस तकनीक में ना जमीन, ना मिट्टी की आवश्यकता (Farming With Vertical Farming Technology-2023)
Farming With Vertical Farming Technology-2023 कोकोपीट तकनीक से पौधे के लिए बेस तैयार किया जाता है। इसमें पौधे को जितने भी पोषक तत्व चाहिए। बस कोकोपीट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं। यह पॉलिथीन के क्यारी नुमा पोर्टेबल बेस हैं। इसमें सब्जी को रोपित कर रस्सी या बांस के सहारे उसे ऊंचाई की ओर ले जाया जाता है। इस तरह से न जमीन की जरूरत होती, न मिट्टी की यह बहुत ही आसान तकनीक है। थोड़े से प्रशिक्षण से किसान आसानी से अपने खेत में इस तकनीक से सब्जी की खेती कर सकता है।
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किसानों को मिल रहा है 4 गुणा अधिक लाभ (Farming With Vertical Farming Technology-2023)
Farming With Vertical Farming Technology-2023 इस पद्धति को अपनाकर की गई खेती से किसानों को अन्य खेती की तुलना में अधिक लाभ हो रहा है। दरअसल यह एक चाइनीज तकनीक है जिसके उपयोग से पटना में कुछ साल पूर्व इसकी शुरुआत की गई। जब यह प्रयोग सफल हुआ तो लोग इसे धीरे-धीरे अपना रहे हैं। वर्तमान में यहां 2 यूनिट में एरोपिनिक्स पद्धत्ति को अपनाकर आलू के बीज के उत्पादन में बढ़ोतरी पाई जा रही है।
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हवा एवं रोशनी से होता है पौधे का ग्रोथ (Farming With Vertical Farming Technology-2023)
Farming With Vertical Farming Technology-2023 इसके साथ पोषक तत्वों के घोल का धुंध के तौर पर उनका छिड़काव निश्चित अन्तराल में जड़ो पर छिड़का जाता है। वही पौधे के ऊपरी भाग के विकास के लिए हवा एवं रोशनी की आवश्यकता होती है। वही जड़ तथा कंद का भाग नीचे हवा में आलू के रूप में पैदा होता है।
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